Navagrahas : नवग्रहों के रहस्यों का अनावरण
परिचय:
नवग्रह, नौ खगोलीय पिंड, वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखते हैं। ये आकाशीय शक्तियां मानव जीवन को प्रभावित करती हैं और माना जाता है कि ये हमारे भाग्य पर प्रभाव डालती हैं। प्रत्येक नवग्रह एक विशिष्ट बीज मंत्र, रंग, दिन और उपायों से जुड़ा होता है जो उनकी ऊर्जा को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। इस लेख में, हम नवग्रहों के इन पहलुओं का पता लगाएंगे, उनके अद्वितीय गुणों पर प्रकाश डालेंगे और अधिक सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए उनकी ऊर्जा का उपयोग कैसे करें।

1. सूर्य (सूर्य):
– बीज मंत्र: “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।”
– लाल रंग
– दिन: रविवार
– उपाय: सूर्य को जल देना, आदित्य हृदयम स्त्रोतं का पाठ करना, लाल वस्त्र पहनना और रविवार को गेहूं, गुड़ या तांबे का दान करना।
2. चंद्र (चंद्रमा):
– बीज मंत्र: “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।”
– रंग सफेद
– दिन: सोमवार
– उपाय: चंद्रमा को दूध और सफेद फूल चढ़ाएं, सफेद वस्त्र पहनें और चंद्र मंत्र का जाप करें।
3. मंगल (Mars):
– बीज मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।”
– लाल रंग
– दिन: मंगलवार
– उपाय: मंगल की शांति के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं, हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल वस्त्र पहनें।
4. बुध (बुध):
– बीज मंत्र: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।”
– हरा रंग करें
– दिन: बुधवार
– उपाय: हरा कपड़ा और पन्ना चढ़ाएं, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और बुध को प्रसन्न करने के लिए हरा वस्त्र पहनें।
5. गुरु (बृहस्पति):
– बीज मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।”
– रंग: पीला
– दिन: गुरुवार
– उपाय: पीले फूल, केला चढ़ाएं और पीले वस्त्र पहनें। गुरु मंत्र का जाप और विष्णु पुराण पढ़ने या सुनने से भी मदद मिल सकती है।
6. शुक्र (शुक्र):
– बीज मंत्र: “ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।”
– रंग सफेद
– दिन: शुक्रवार
– उपाय: सफेद फूल, चावल चढ़ाएं और सफेद वस्त्र पहनें। शुक्र मंत्र का जाप और देवी भागवत पुराण पढ़ने से सामंजस्य स्थापित हो सकता है।

7. शनि (शनि):
– बीज मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।”
– रंग काला
– दिन: शनिवार
– उपाय: तिल के तेल का दीपक जलाएं, काले तिल चढ़ाएं और काले वस्त्र पहनें। शनि मंत्र का जाप और शनि महात्म्य का पाठ करने से शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
8. राहु:
– बीज मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।”
– रंग: काला या गहरा नीला
– दिन: शनिवार
– उपाय: काले तिल चढ़ाएं, काली मोमबत्ती जलाएं और काला या गहरा नीला रंग पहनें। राहु मंत्र का जाप और राहु कवच का पाठ करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
9. केतु:
– बीज मंत्र: “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: ”
– रंग: धुएँ के रंग का ग्रे
– दिन: शनिवार
– उपाय: धुएँ के रंग का ग्रे या बहुरंगी कपड़े चढ़ाना, कपूर का दीपक जलाना और धुएँ के रंग का भूरा पहनना। केतु मंत्र का जाप और केतु स्तोत्र का पाठ करने से केतु के प्रभाव को शांत करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष:
नवग्रहों और उनसे जुड़े बीज मंत्रों, रंगों, दिनों और उपायों को समझने से व्यक्ति खुद को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ संरेखित करने में सक्षम हो सकता है। वैदिक ज्योतिष और हिंदू परंपराओं के अनुसार, इन प्रथाओं का पालन करके, व्यक्ति जीवन में संतुलन और सद्भाव के लिए प्रयास कर सकता है और ग्रहों के प्रभाव के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सकता है।
By:-
Prakhar Sharma
Founder, Upgrading India